
मेरठ संवाददाता एन 20 न्यूज़
मेरठ/जानी खुर्द:आज विश्व में समस्त मानव जाति किसी न किसी प्रकार से शारीरिक, मानसिक रूप से अशांत है। ऐसे में आध्यात्म की तो क्या कथा! ऐसे भीषण समय में योग की महती आवश्यकता है, जिससे तनाव से मुक्त जीवन स्वस्थ, शान्त और समरसता से युक्त हो सके। इसी को ध्यान में रखकर इस वर्ष के विश्व योग दिवस की विषयवस्तु “समस्त पृथ्वी और समस्त स्वास्थ्य के लिए योग” को रखा गया है। इसी को ध्यान में रखकर 21 जून 2025 को सम्पूर्ण विश्व में 11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। विश्व योग दिवस के विशेष अवसर पर गुरुकुल प्रभात आश्रम, टीकरी में योग दिवस का शुभारंभ करने हेतु पहले यज्ञ और हवन का आयोजन किया गया। इसके पश्चात् गुरुकुल प्रभात आश्रम टीकरी के कुलाधिपति के सान्निध्य में और गुरुकुल के व्यवस्थापक शिवम्, अजय, सुबोध कुमार और साई के कोच विकास और समस्त गुरुकुल परिवार की उपस्थिति में आसन, प्राणायाम करते हुए योग का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर गुरुकुल के कुलाधिपति जी ने योग दिवस का उद्देश्य बताया कि योग से तन और मन में सौहार्द के योग का संवर्धन होता है, इसी से सभी में सौहार्द भाव बढ़ता है और विश्व का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि हमारा संगमन, संवदन, मनन व मंथन साथ हो, यह योग से ही सम्भव है। योग से मन और बुद्धि की वृत्तियों पर विजय होती है। इस अवसर पर कुलाधिपति जी ने योग की परम्परा का आख्यान करते हुए कहा कि महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र में योग का अर्थ करते हुए कहा है कि चित्त की समस्त वृत्तियों का निरोध जिसके द्वारा किया जाए, वही योग है और योग की परम्परा अनादिकाल से समस्त विश्व में प्रवाहमान है। योग को मुख्यतः 6 अंगों के माध्यम से विद्वानों ने देखा। इन्हीं अंगों में दो अंग हैं आसान और प्राणायाम। इन्हीं को आज विश्व योग दिवस पर सभी कर रहे हैं। इसके बाकी अंगों को भी जीवन में अपनाना चाहिए। यह योग समस्त विश्व को शान्ति और कल्याण के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। जिस प्रकार योग व्यक्तिगत रूप में शरीर को पुष्ट करता है तो उसी प्रकार विश्व को सुदृढ़ करता है। सूर्य नमस्कार और योग करने के पश्चात् कुलाधिपति जी ने समस्त विश्व के कल्याण हेतु ऋग्वेद के संज्ञान सूक्त के मंत्रों के माध्यम से विश्व और इसमें स्थित समस्त प्राणियों के तन और मन के पूर्ण स्वास्थ्य, शान्ति और कल्याण के लिए प्रार्थना करवाई।