मेरठ संवाददाता एन 20 न्यूज
मेरठ।जनपद मेरठ के कस्बा खिवाई में सरकारी राशन वितरण व्यवस्था पूरी तरह सवालों के घेरे में आ गई है। कस्बे में मीरा (SC) के नाम से आवंटित सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, मनमानी और उपभोक्ताओं के शोषण के गंभीर आरोप सामने आए हैं।स्थानीय कार्डधारकों का आरोप है कि राशन दुकान संचालिका मीरा स्वयं कभी दुकान पर उपस्थित नहीं रहती, बल्कि उसकी जगह शहजाद, खालिद, शाहबुद्दीन और तसलीम नाम के लोग राशन वितरण करते हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग दबंग प्रवृत्ति के हैं, जिनसे आम उपभोक्ता भयभीत रहते हैं।क़स्बा वासियों का कहना है कि उन्हें सरकारी मानक से काफी कम राशन दिया जाता है। जब उपभोक्ता पूरा राशन मांगते हैं तो उनसे कहा जाता है कि “सरकार ही कम राशन भेजती है”। वहीं कुछ कार्डधारकों ने यह भी आरोप लगाया कि दबंगों द्वारा यह कहा जाता है कि “चार लाख रुपये अधिकारियों को दे रखे हैं, कोई कार्रवाई नहीं होगी।”राशन वितरण में हो रही इस मनमानी से गरीब, मजदूर, वृद्ध और महिलाएं सबसे अधिक परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि डर के कारण वे खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं। राशन जैसी मूलभूत सुविधा में इस तरह का भ्रष्टाचार सीधे तौर पर गरीबों के हक पर डाका है।जानकारों के अनुसार राशन दुकान पर लाइसेंसधारी का स्वयं उपस्थित रहना अनिवार्य है। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा राशन वितरण कराना नियमों का उल्लंघन है। इसके बावजूद लंबे समय से यह खेल खुलेआम चल रहा है, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।कस्बे के लोगों ने जिलाधिकारी मेरठ, जिला पूर्ति अधिकारी एवं खाद्य विभाग से मांग की है कि राशन दुकान की तत्काल जांच कराई जाए, दोषी पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस निरस्त किया जाए, अवैध रूप से राशन बांटने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, कार्डधारकों को उनका पूरा राशन नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाए, अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कब तक संज्ञान लेता है या फिर गरीबों की आवाज यूं ही दबाई जाती रहेगी।

