
मेरठ संवाददाता एन 20 न्यूज़
मेरठ। शुक्रवार को शुद्धिग्राम हिम्स मेरठ में आज एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई जिसमें आचार्य मनीष जी, वैद्य अभिषेक गुप्ता एवं वैद्य नेहा शर्मा की उपस्थिति में देश-विदेश से आए अनेक गंभीर रोगियों ने आयुर्वेद आधारित चिकित्सा प्रणाली द्वारा अपने रोगों से मिली राहत की सजीव गवाही दी।

सभी विशेषज्ञों ने रोगियों की चिकित्सा प्रक्रिया, पंचकर्म, DIP डाइट और प्राकृतिक उपचार पद्धतियों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिन प्रमुख मामलों को साझा किया गया, वे निम्नलिखित हैं:
कैंसर से मुक्ति:
निशामणि बेहेरा (ओडिशा) की आंख के पास कैंसर था और डॉक्टरों ने सर्जरी व कीमो की सलाह दी थी। HIIMS की DIP डाइट, फीवर थेरेपी और ज़ीरो वोल्ट थेरेपी से बिना सर्जरी के स्वस्थ हुईं।
शशिकला सिंह (प्रयागराज) को 62 कीमोथेरेपी के बाद भी राहत नहीं मिली थी। HIIMS में मात्र 2 दिन में दर्द से पूर्ण राहत मिली और आज वे पंचकर्म व आयुर्वेद से स्वस्थ हो चुकी हैं।
लिवर सिरोसिस में अंतरराष्ट्रीय केस:
नैंसी (न्यूज़ीलैंड) को लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई थी, परंतु उन्होंने पंचकर्म चिकित्सा अपनाई और आज 25 किलो वजन कम करके पूरी तरह स्वस्थ हैं — एसिडिटी व अन्य लक्षण समाप्त।
किडनी रोग:
रोहित कुमार राय (नेपाल) को जब भर्ती किया गया था तब क्रिएटिनिन 5.9 और GFR 12.6 था। मात्र 5 दिन में क्रिएटिनिन 4.8 और GFR 16.2 हो गया।
पैरालाइसिस से उबरने वाला केस:
कैलाश चन्द जो कोमा में थे और शरीर का आधा हिस्सा पैरालाइसिस से ग्रस्त था अब सामान्य जीवन जी रहे हैं, यह आचार्य जी द्वारा निर्देशित औषधियों और दिनचर्या का परिणाम है।
लाइफस्टाइल डिसऑर्डर में सुधार:
मोहिंदर कौर (डायबिटीज, थायरॉइड, बीपी, जोड़ों में जलन) को 5 दिनों में ही राहत मिली और दवाइयाँ आधी हो गईं।
गुरमीत सिंह (हाई बीपी व पीठ दर्द) अब बिना किसी दवा के स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में आचार्य मनीष , वैद्य अभिषेक गुप्ता और वैद्य नेहा शर्मा ने कहा कि यदि व्यक्ति संयम, श्रद्धा और नियमितता के साथ आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को अपनाए तो वह असाध्य से असाध्य रोगों को भी मात दे सकता है। HIIMS का उद्देश्य यही है — रोगियों को सर्जरी और कीमो से मुक्त कर प्राकृतिक जीवन की ओर लौटाना।