मेरठ संवाददाता एन 20 न्यूज
मेरठ।ग्राम पंचायत ज्वालागढ़ का स्वास्थ्य उपकेंद्र पिछले कई वर्षों से अत्यंत खराब व जर्जर स्थिति में बंद पड़ा है, जिससे ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपकेंद्र की दीवारें टूटी हुई हैं, छत जर्जर है और भवन पूरी तरह उपयोगहीन हो चुका है। ऐसे में टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच, छोटे-मोटे उपचार तथा आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएँ बाधित हो रही हैं।ग्राम प्रधान विपिन कुमार ने बताया कि वे वर्ष 2021 से लगातार सीएचसी सरधना, स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराते आ रहे हैं। कई बार विभागों में जाकर समस्या के समाधान की माँग भी रखी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हो पाई।उन्होंने बताया कि पूर्व अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण/मरम्मत का स्टेटमेंट पास हो चुका है, परंतु चार साल से अधिक समय बीतने के बावजूद भी जमीन पर काम शुरू नहीं हो पाया। ग्रामीणों में विभागीय उदासीनता को लेकर नाराजगी बढ़ रही है।ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद होने से उन्हें साधारण उपचार के लिए भी कई किलोमीटर दूर सरधना या अन्य स्थानों का रुख करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह स्थिति और अधिक कष्टदायक है। कई बार आपात स्थिति में देरी के कारण गंभीर हालात बन जाते हैं।ग्राम प्रधान विपिन कुमार ने सीएचसी सरधना के चिकित्साधिकारी से पुनः अपील की है कि इस गंभीर सार्वजनिक समस्या पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और ज्वालागढ़ के स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण/मरम्मत कार्य को शीघ्र शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई, तो ग्रामीणों के साथ मिलकर उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।ग्रामवासियों ने भी स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया है कि ग्रामीण क्षेत्र की जरूरतों और जनहित को ध्यान में रखते हुए इस उपकेंद्र को प्राथमिकता के आधार पर क्रियाशील बनाया जाए। इस अवसर पर इंद्रपाल कश्यप, सूरज कुमार, गौरव भारद्वाज, रविंदर कुमार, रामेश्वर, अंकित, राहुल, नितिन कुमार, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

